भूतिया कहानी: आखिरी मुलाकात
एक बार की बात है, एक आम आदमी नामक राजीव रोज़ अपने ऑफिस से घर की ओर जा रहा था। उसका दिल थोड़ा उदास था और सोच में डूबा हुआ था। रास्ते में, अचानक उसने एक ओरत को देखा। वह ओरत कुछ अजीब लग रही थी, लेकिन राजीव ने उसे ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ गया।
कुछ दिनों बाद, राजीव को वही ओरत फिर से दिखाई दी, लेकिन इस बार वह उसके आस-पास ही थी। राजीव ने देखा कि वह ओरत बड़े प्यार से उसको देख रही थी।
राजीव की दिल में एक अजीब सी चुभन उत्पन्न हुई, लेकिन फिर भी उसने इसे नजरंदाज़ किया और अपने घर की ओर बढ़ा। पर उस ओरत की यादें उसे छूने नहीं देती थीं।
दिन बीतते गए और राजीव के दिल में उस ओरत के प्रति अजीब सी खामोशी बढ़ती गई। वह उसके घर के आस-पास हर रोज़ दिखाई देने लगी।
एक दिन, राजीव ने उसे अपनी बात बताने का फैसला किया। वह उसके पास गया और उसे सब कुछ बताया। उसकी अनोखी कहानी सुनकर, वह ओरत भी राजीव की कहानी सुनाने लगी।
दोनों के बीच एक अनोखा संबंध उत्पन्न हुआ। उनके बीच के प्यार का रंग बढ़ता गया।
लेकिन कुछ ही दिनों बाद, राजीव की मौत हो गई। उसके चले जाने से उस ओरत का दिल टूट गया। वह समझ नहीं पाई कि अब क्या करे।
राजीव की मौत के बाद, उस ओरत ने उसकी यादों का साथ छोड़ा नहीं और हर रोज़ उसके घर के पास आकर रुलाती रही। उसका दिल भी तोड़ा था, लेकिन वह अब भी राजीव की यादों में जी रही थी।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी हमें अपनी अहम और घमंड को छोड़कर दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। और प्यार का सच्चा मायने सिर्फ मृत्यु के बाद ही पता चलते हैं।
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